Wednesday 3 September 2014

ईश्वरादेश

ईश्वर के आदेश के बिना एक पत्ता भी नहीँ हिलता।
जो गलत है उसको करने के लिये ईश्वर ने स्वयं
मनुष्य शरीर मेँ संम्भावनाएँ उत्पन्न की हैँ।
ईश्वर यही देखता है कि किस मनुष्य ने उन गलत
सम्भावनाओँ को नष्ट करके अच्छे
कर्मो को किया। फिर उस मनुष्य को उसके
कर्म स्वरूप फल भी देता है। जब मनुष्य
सभी गलत सम्भावनाओँ को नष्ट करके केवल अच्छे
कर्म करता है तो उसे मोक्ष प्राप्त होता है।
बाकी बुरे काम ईश्वर ने पहले से निर्धारित
किये हैँ, और समाज को सबक सिखाने के लिए उसके
विपरीत अच्छे कार्योँ की सम्भावनाएँ
भी निर्धारित की हैं। कौन
उसकी दोनो प्रकार की सम्भावनाओँ को अपने
शरीर के द्वारा किस प्रकार संयोजित करता है,
बस ईश्वर यही देखता है और उसके अनुरुप फल देता है।