Saturday 6 April 2013

वर्तमान शिक्षा

वर्तमान समय में लोग आज छोटी सी आयु में ही प्रेम सम्बन्ध जोड़ लेते हैं मैंने भी जोड़ा था भगवन कृष्ण ने भी जोड़ा था । पर प्रेम सम्बन्ध का उद्देश्य आज के समय में क्या होता है ? भगवन श्री कृष्ण ने १४ वर्ष की आयु के उपरांत प्रेम लीला करना छोड़ दिया था और अपने कर्मो को करने लगे । कंस के वध के उपरांत उन्होंने संदीपनी मुनि से शिक्षा ग्रहण की और धर्म की रक्षा के लिए कर्म करने लगे । हमें भी उन्ही जैसा बनना चाहिए, हमें  बचपन की बातो को दिल से लगाकर जीवन भर नहीं बैठना चहिये हम एक निश्चित कार्य के लिए ही धरती पर मानव रूप में आये हैं। तो हमें अपना कार्य करना चाहिए । हमें यह विचार त्याग देना चाहिए की हमें प्रेम सम्बन्ध के लिए एक साथी चाहिए । क्योकि हे मनुष्य प्रेम सम्बन्ध बनाना बुरा नहीं पर समय से पहले बनाना यह बुरा है । पुराने समय में गुरुकुल शिक्षा प्रणाली विकसित थी जहा बालक अन्य बालको के साथ रह कर शिक्षा ग्रहण करता था तथा गुरु की सेवा करता था, उसे अन्य कार्यो से कोई लेना देना नहीं था । पर आज के समय में इसका ठीक उल्टा होता है, बालक बालिकाए साथ पढ़ती है उनके पास अनुपयोगी वस्तुए भी होती हैं जैसे मोबाइल टेबलेट आदि उनका उपयोग सही दिशा में हो तो ठीक है परन्तु वे उसका उपयोग गलत दिशा में कर रहे हैं । जिससे उनमे प्रेम इच्छा नहीं बल्कि काम इच्छा उत्पन्न हो रही है । वे घर में रह कर टीवी और कंप्यूटर में न देखे जाने वाले दृश्य भी देख रहे हैं  । परन्तु पुराने समय में व्यर्थ के कार्यो के लिए बालक तथा बालिकाओं को समय ही नहीं दिया जाता था । और बालक बालिकाए अलग अलग शिक्षा ग्रहण करते थे । हमारे शास्त्रों में २५ वर्ष के उपरांत विवाह करना उचित माना जाता था और इसके पूर्व तक बालक केवल शिक्षा ही ग्रहण करता था । अतः हमें वर्तमान समय में प्रेम  सम्बन्ध २५ वर्ष के उपरांत बनाना चाहिए अथवा विवाह करना चाहिए । शास्त्रों के अनुसार विवाह से पहले किया गया काम अर्थात गलत इच्छाओ को करना उन्हें साकार रूप देना घोर अपराध है ।

Friday 18 January 2013

Man Vashikaran Ek Kathin Karya.

Antar man ko ekagra chitt karne ke liye atyant dhyaan lagane ki awashyakta hoti hai anyatha man indriyon ke pravaah me tez dhara ke samaan bahta chala jata hai. ishwar roopi naiya ka milna aise tez pravaah me mushkil hota hai. atah manushya asahaay ho jata hai. man ko shaant rakhne ke liye Ishwar me dhyaan lagane ki cheshta karni chahiye. is cheshta se manushya apne man ko galat raste par jane se bhataka dega fir aap us bhatke hue man ko sahi maarg par asani se la sakte hain.
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